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- Pakistani Activist Malala Yousafzai | All About Controversies And Facts Of Youngest Nobel Prize Laureate Malala Yousafzai
एक घंटा पहलेलेखक: त्रिदेव शर्मा
तारीख- 9 अक्टूबर 2012, जगह- मिंगोरा (स्वात घाटी, पाकिस्तान), वक्त- दोपहर करीब 1 बजे। तालिबान के हथियारबंद आतंकी लड़कियों की एक स्कूल बस को रोकते हैं, जबरन उसमें घुसते हैं। बस एक ही सवाल- मलाला कौन है? जुबान से कोई कुछ नहीं बोलता, लेकिन सहमी हुई लड़कियों की नजरें इस नाम वाली लड़की की तरफ घूम जाती हैं। एक बंदूक से गोलियां निकलती हैं। एक गोली उस मासूम लड़की के चेहरे पर लगती है। उसे पेशावर के आर्मी हॉस्पिटल ले जाया जाता है। उम्मीद कम थी, इसलिए एयर एम्बुलेंस से लंदन भेज दिया जाता है।
आज ये लड़की महिलाओं, बच्चों के हर हक और हकूक की आवाज है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई। 12 जुलाई को मलाला 24 साल की हो जाएंगी। पाकिस्तान का एक लिबरल तबका इस दिन को ‘मलाला डे’ के तौर पर मनाने की मांग कर रहा था, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि मलाला मजहबी कट्टरपंथियों और मुल्क की आम-अवाम की आंखों में खटकने लगीं। यहां हम जानने और समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर दुनिया जिस मलाला से प्यार करती है, वो अपने ही मुल्क में परायी क्यों होती गई?
ताजा विवाद क्या है
मलाला ब्रिटेन के बर्मिंघम में रहती हैं और अब ऑक्सफोर्ड ग्रेजुएट हैं। पिछले दिनों उन्होंने ब्रिटेन की मशहूर मैगजीन वोग (Vogue) को इंटरव्यू दिया। मैगजीन ने उनका फोटो कवर पेज पर छापा। इसमें उन्होंने ने कुछ बातें ऐसी कह दीं, जो पाकिस्तान के ज्यादातर लोगों के लिए नाकाबिले बर्दाश्त थीं। खासतौर पर शादी को लेकर। मलाला ने कहा- मुझे अब तक यह बात समझ नहीं आई कि लोग आखिर शादी करते क्यों हैं? अगर आपको हमसफर या जीवनसाथी चाहिए तो उसके लिए कागजों पर सिग्नेचर की क्या जरूरत है? यह पार्टनरशिप क्यों नहीं हो सकती?
मलाला की यह बात हवा की मानिंद पाकिस्तान पहुंची और बवाल-सवाल उठ खड़े हुए। उन्होंने रोमांस और पार्टनर को लेकर भी कुछ बातें कीं। न्यूज चैनलों पर लानत-मलानत होने लगी। 90% को उनकी बातें और तर्क हजम नहीं हुए। इनमें माथिरा खान जैसी एक्ट्रेस भी थीं।
‘मलाला अब बदल गईं’
टीवी एंकर फिजा खान ने पिछले दिनों अपने शो में कहा- मलाला बदल चुकी हैं। एक वक्त उन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर फोकस किया। नाईजीरिया के आतंकी संगठन बोको हरम ने स्कूल से 150 लड़कियों को अगवा किया तो उसका विरोध किया। बराक और मिशेल ओबामा समेत कई हस्तियों से मिलती रहीं। बहुत इज्जत और शोहरत कमाई, लेकिन आज वो जो कर रही हैं, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। स्वात प्रेस क्लब के जर्नलिस्ट शहजाद आलम कहते हैं- जब वो यहां थी तो हम उसे बहुत प्यार करते थे। इंग्लैंड जाकर बदल गई। अब लोग उससे नफरत करते हैं।
मलाला मानती हैं कि शादी को लेकर उनके विचारों से उनकी मां भी इत्तेफाक नहीं रखतीं। पिता के पास तो पाकिस्तान से ढेरों ई-मेल आते हैं, इनमें मलाला से शादी की चाहत रखने वाले बताते हैं कि उनके कितनी धन-दौलत है। वैसे मलाला के बयान पर उनके पिता को सफाई भी देनी पड़ी है।

मलाला का यह फोटो 2018 का है। तब उन्होंने अपने ब्रिटिश दोस्तों के साथ होली खेली थी। पाकिस्तान में कई लोगों ने इस पर ऐतराज जाहिर किया था।
अब हर ऐश-ओ-आराम
मलाला का दिन वीडियो गेम और गार्डनिंग में बीतता है। 15 साल की उम्र में ही उन्होंने ‘मलाला फंड’ शुरू कर दिया था। आज बर्मिंघम की पॉश लोकेशन में उनके पास शानदार बंगला है, गाड़ी और तमाम सुविधाएं भी। 17 साल की उम्र में नोबेल हासिल करने वाली इस लड़की के पास पैसे की कोई कमी नहीं। अब ब्रिटिश लहजे में अंग्रेजी बोलती हैं। इस साल वो परिवार के साथ वर्ल्ड टूर पर जाने वाली थीं, लेकिन महामारी ने सब चौपट कर दिया।
रिलेशनशिप पर भी वो खुलकर बोलती हैं। वोग मैगजीन से उन्होंने कहा- मैं कई लोगों से मिलती हूं। उनमें से कुछ बहुत अच्छे हैं। उम्मीद करती हूं कि मुझे भी कोई ऐसा मिलेगा जो मुझे समझे और खूब प्यार करे। जब उनसे पूछा गया कि सबसे ज्यादा कौन पसंद है। तो मलाला का जवाब था- ब्रैड पिट। फिर दोनों हाथों से चेहरा छिपा लेती हैं।
सवाल क्यों उठते हैं…
ऐसा नहीं है कि मलाला की बातों या बयानों से सिर्फ पाकिस्तानी ही खफा होते रहे हैं। नोबेल पुरस्कार हासिल करने के ठीक अगले दिन उन्होंने कश्मीर पर कहा था- वहां के लोग और खासकर बच्चे घर से निकलने में डरते हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। भारत में इसका काफी विरोध हुआ।
फरवरी 2017 में फॉरेन पॉलिसी मैगजीन ने मलाला को लेकर पाकिस्तानी लोगों से बातचीत की थी। एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर का कहना था- मलाला में कुछ स्पेशल नहीं है। पाकिस्तान में लाखों बच्चों ने मलाला से ज्यादा गंभीर हमले झेले। क्या मलाला ने पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमलों के खिलाफ आवाज उठाई? अगर मलाला को इस मुल्क की फिक्र है तो वो यहां वापस क्यों नहीं आतीं? मलाला पर तालिबान का हमला सिर्फ नाटक और रचा-रचाया ड्रामा था। 2014 के Pew सर्वे में मलाला के समर्थकों की संख्या महज 30% थी।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पत्नी मिशेल और बेटी के साथ मलाला से मुलाकात की थी। ओबामा ने मलाला को दिलेर लड़की बताया था।
I Am Not Malala
‘फॉरेन पॉलिसी’ मैगजीन के मुताबिक, 2014 में मलाला को नोबेल मिला। इसके ठीक एक महीने बाद ‘ऑल पाकिस्तान प्राइवेट स्कूल फेडरेशन’ ने एक ऐलान किया, कैम्पेन चलाया। इस संगठन के बैनर तले 1 लाख 50 हजार से ज्यादा स्कूल हैं। मलाला की ऑटोबायोग्राफी का नाम है- I Am Malala, इस संगठन ने कैम्पेन को नाम दिया I Am Not Malala…। मलाला जिस खैबर-पख्तूनख्वा राज्य की हैं, वहां के कई सांसदों-विधायकों ने मैगजीन से बातचीत में दावा किया कि मलाला पर तालिबान का हमला ‘प्री-प्लान्ड’ था। उनकी आत्मकथा पर बैन की मांग की गई। दुनिया की बेस्ड सेलर ‘आय एम मलाला’ पाकिस्तान में इक्का-दुक्का ही बिकी। तालिबान और पुलिस दोनों ने इसको बुक स्टोर्स से हटवा दिया था।
मलाला CIA की एजेंट
2013 में ‘द डॉन’ में पब्लिश एक पोस्ट में कहा गया- मलाला पर हमले की कहानी अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के मिशन का हिस्सा थी। गोली किसने चलाई? किसको पता है? कुछ लोग मानते हैं कि मलाला भी पश्चिमी देशों के उसी तरह के मिशन का हिस्सा हैं, जिसके जरिए अमेरिका ओसामा बिन लादेन तक पहुंचा था और इसके लिए उसने डॉक्टर शकील अफरीदी को मोहरा बनाया था। अफरीदी ने ही फर्जी पोलियो कैम्पेन चलाकर लादेन के परिवार के ब्लड सैम्पल हासिल किए थे। इनसे CIA ने DNA टेस्टिंग की। अफरीदी अब भी जेल में है। 2013 में मलाला ने अमेरिका की पब्लिक रिलेशन फर्म Edelman के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया था। इससे शक और पुख्ता हो गया। कहा जाता है कि मलाला हर इंटरव्यू के लिए मोटी रकम हासिल करती हैं। जनवरी 2019 में मलाला फंड ने 10 लाख डॉलर शिक्षा के विकास पर खर्च करने का ऐलान किया था।

पिता जियाउद्दीन के साथ मलाला। यह फोटो 2013 की है। तब मलाला ने सर्जरी के बाद बर्मिंघम के एक स्कूल में एडमिशन लिया था।
एक ही तंज- पाकिस्तान के लिए क्या किया
‘अल जजीरा’ के मुताबिक- ज्यादातर पाकिस्तानी मलाला के बारे में पूछे गए सवालों पर एक ही जवाब देते हैं। वो पूछते हैं- उसने हमारे मुल्क के लिए क्या किया? अगर उसे ह्यूमन राइट्स की इतनी ही फिक्र है तो वो अमेरिका में अश्वेतों के खिलाफ हिंसा पर क्यों नहीं बोलती? कश्मीर और फिलिस्तीन पर चुप क्यों रहती है? पाकिस्तान ही आकर क्यों नहीं रहती? 2012 के बाद 2018 में एक ही बार पाकिस्तान आई। अब जीन्स भी पहनने लगी है।
उस पर इतनी तोहमतें, तो वजीर-ए-आजम को भी सुन लीजिए
5 अप्रैल 2021 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक इंटरव्यू में कहा था- जिस समाज में अश्लीलता होगी, वहां इसके खराब नतीजे होंगे। इसके लिए भारत और हॉलीवुड जिम्मेदार है। महिलाओं को ऐसे कपड़े पहनने चाहिए, जिनमें पूरा शरीर ढंका रहे। इमरान ने बुर्का या अबाया पहनने की वकालत पहले भी की है। 2014 में उनकी ही पार्टी की विधायक मुसारत अहमद जेब ने दावा किया था- मलाला वेस्टर्न माइंडसेट की लड़की है और उस पर हमले की नौटंकी रची गई। तालिबान ने भी उस पर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया था। मुझे भी इस ड्रामे में शामिल होने का ऑफर था, मैंने उसे ठुकरा दिया।