मेरठ में ब्लैक, व्हाइट फंगस के बाद अब यलो फंगस ने दस्तक दी है.
UP के मेरठ के लालालाजपत राय मेडिकल कॉलेज में येलो यानि पीले फंगस का एक संदिग्ध मरीज मिला है. 40 वर्षीय ये मरीज मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. इस मरीज का सैंपल जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी लैब भेज दिया गया है.
मेरठ. मेरठ के लालालाजपत राय मेडिकल कॉलेज में येलो यानि पीले फंगस (Yellow Fungus) का एक संदिग्ध मरीज मिला है. चालीस वर्षीय ये मरीज़ मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. इस मरीज का सैंपल जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी लैब भेज दिया गया है. बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट सात दिन बाद आएगी. हालांकि डॉक्टरों ने मरीज का ऑपरेशन कर उसकी आंखों की रोशनी बचा ली है. इस मरीज़ का बेहद क्रिटिकल ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर वीपी सिंह ने बताया कि मरीज़ में सभी लक्षण येलो फंगस के हैं, लेकिन जांच रिपोर्ट का इंतजार है.
उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही इसकी पुष्टि की जा सकती है कि इसे पीला फंगस है कि नहीं. ये मरीज कोरोना संक्रमित है. हालांकि येलो फंगस का पहला केस गाजियाबाद में मिल चुका है. लेकिन फिर भी यूपी में येलो फंगस के बहुत रेयर केस ही देखने को मिले हैं. बताया जाता है कि येलो फंगस आंतरिक रूप से शुरू होता है. जैसे यह बढ़ता है, बीमारी और घातक हो जाती है.
इधर, बीते 24 घंटे के दौरान ब्लैक फंगस के 10 नए मरीज मिले हैं, ब्लैक फंगस के अब तक कुल 172 मरीज मिल चुके हैं. वहीं इस दौरान ब्लैक फंगस के और चार मरीज़ ठीक हुए हैं. ब्लैक फंगस को मात देने वाले मरीज़ों का आंकड़ा 56 हो गया है. वर्तमान में यहां ब्लैक फंगस के 101 सक्रिय मामले हैं. मेडिकल कॉलेज में 79 मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें 44 मरीज कोविड पॉजिटिव और बाकी निगेटिव हैं. दोनों तरह के मरीजों की अलग-अलग कमरे में व्यवस्था की गई है. ब्लैक फंगस से अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है.
वहीं कोरोना संक्रमण में पहले से रिकॉर्ड कमी दर्ज की गई है. बीते चौबीस घंटे के दौरान यहां कोरोना के 104 मरीज मिले हैं, जबकि आठ लोगों की मौत हुई है. ज़िले में अब 3437 एक्टिव केस हैं. जबकि 535 और लोगों ने कोरोना को मात दे दी है. मेरठ में 325 ऐसे गांव हैं, जहां कोरोना मरीज नहीं हैं.