विधानसभा चुनावों से पहले एक्शन में मायावती (File Photo)
बीएसपी (BSP) एक अलग पार्टी है और धन्ना सेठों और बड़े-बड़े पूंजी पतियों के धन बल और उनके इशारों पर चलने वाली गुलाम मानसिकता वाली पार्टी बिल्कुल नहीं है.
लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (BSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने शनिवार को लखनऊ (Lucknow) में पार्टी से जुड़े तमाम समुदायों वर्गों के वरिष्ठ लोगों के साथ एक लंबी बैठक की. इस बैठक में प्रदेश की राजनीतिक सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के संबंध में विचार विमर्श किया गया और आगे की तैयारियों को लेकर दिशा निर्देश दिए गए. खासकर उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के संबंध में जरूरी दिशा निर्देश दिए गए. लखनऊ के प्रदेश कार्यालय में आयोजित हुई इस बैठक में जरूरी फीडबैक लेने के बाद मायावती ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं से कहा कि किस किस पार्टी को कितना कितना चंदा मिलता है. इससे संबंधित खबरें मीडिया में लगातार आती रहती हैं.
उन्होंने साफ कहा है कि बीएसपी एक अलग पार्टी है और धन्ना सेठों और बड़े-बड़े पूंजी पतियों के धन बल और उनके इशारों पर चलने वाली गुलाम मानसिकता वाली पार्टी बिल्कुल नहीं है. बल्कि सर्व समाज के गरीबों शोषित व पीड़ितों और अन्य उपेक्षित ओं के हक और हुकूक के और उनके हित और कल्याण के लिए उनके योगदान पर संघर्ष करने वाली मूल रूप से कैडर पर आधारित पार्टी है और इसीलिए पार्टी की जमीनी तैयारियां और इसकी मजबूती के लिए छोटी-छोटी कैडर बैठकों का सिलसिला हर हाल में मिशनरी भावना के तहत लगातार जारी रखना है.
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मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की मजबूती के साथ साथ आगामी विधानसभा आम चुनावों के लिए भी पार्टी के लोगों को कैडर बैठकों का ही सहारा लेना है और उन मीटिंग में उन्हें दोबारा याद दिलाना है, कि किस तरह से बीएसपी सर्व समाज की हितेषी पार्टी है. और इसीलिए अपने सभी चारों शासनकाल में यह सर्व समाज और कमजोर तबकों के लिए 1- 2 या गिने-चुने नुमाइशी काम नहीं बल्कि अनगिनत ठोस कार्य हैं. जिसमें कई ऐतिहासिक महत्व के हैं. लेकिन दुखद है कि बाद में जो यहां सत्ता में पार्टियां आए और उनकी सरकारों ने अपने स्वार्थ और राजनीतिक द्वेष व जातिवादी मानसिकता के कारण उन कामों को रोक दिया जिससे समाज के लोग प्रभावित हुए और अभी भी हो रहे हैं.